कामकाजी भी ले सकेंगे बीटेक या बीई इंजीनियरिंग की डिग्री, एआईसीटीई के निर्देश जारी

 मुजफ्फरपुर

कामकाजी लोग भी अब इंजीनियरिंग की डिग्री ले सकेंगे। एआईसीटीई ने इसके लिए इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा है। एआईसीटीई ने इसी सत्र से कामकाजी लोगों के लिए बैचलर और इंजीनियरिंग और बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी का कोर्स शुरू करने को कहा है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में कामकाजी लोगों के लिए तीन कोर्स चलाये जाएंगे। कौन सा कोर्स शुरू होगा, यह विश्वविद्यालय तय करेगा। एमआईटी के रजिस्ट्रार प्रो. रजनीश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय या विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग से पत्र आने के बाद कॉलेज में यह कोर्स शुरू किया जाएगा।

एक कॉलेज में 90 लोगों का हो सकेगा दाखिला एआईसीटीई ने इस कोर्स में 90 छात्रों के नामांकन की इजाजत दी है। एक कॉलेज में तीनों कोर्स में 30-30 कामकाजी लोगों का दाखिला लिया जाएगा। एआईसीटीई और एनबीए से मान्यता प्राप्त कॉलेज ही इस कोर्स को चला सकेंगे। कोर्स के बारे में एआईसीटीई ने विश्वविद्यालयों को गाइडलाइन भी भेज दी है।

कॉलेज से ऑफिस की दूरी 50 किमी से कम हो एआईसीटीई ने अपने निर्देश में कहा है कि बीटेक या बीई में दाखिला लेने वाले कामकाजी लोगों के कार्यालय और कॉलेज की दूरी 50 किमी के बीच होनी चाहिए। इसके अलावा उन्हीं का दाखिला होगा, जिन्हें नौकरी करते हुए कम से कम एक वर्ष हो गए हों। एआईसीटीई ने गाइडलाइन में कहा है कि अगर आवेदन करने वाले कामकाजी व्यक्ति के पास इंजीनियरिंग से जुड़ी कोई डिग्री है तो उसे कॉलेज में सीधे दूसरे वर्ष में लैटरल इंट्री मिल सकती है। उसे पहले वर्ष में जाकर दाखिला नहीं लेना होगा।इसे उसका एक वर्ष बच जाएगा। लैटरल इंट्री के बाद अभ्यर्थी तीन वर्ष में बीटेक की डिग्री ले सकेगा।

सरकार तय करेगी, कैसे होगा दाखिला
एआईसीटीई ने अपने दिशा निर्देश में कहा है कि कामकाजी लोगों के दाखिले का नियम संबंधित राज्य सरकार और वहां के विश्वविद्यालय तय करेंगे। इसमें एआईसीटीई हस्तक्षेप नहीं करेगा। एआईसीटीई ने कहा है कॉलेज के शिक्षक ही इन छात्रों को पढ़ाएंगे। इस कोर्स में छात्रों को एआईसीटीई के नियम के अनुसार ही क्रेडिट दिया जाएगा।

 

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