बालासोर में ट्रैक को ठीक करने के लिए युद्धस्तर पर जारी है काम, लगे 1000 लोग

ओडिशा
 ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार 2 जून हुए रेल हादसे को 36 घंटे बीत चुके हैं। अभी भी इस ट्रैक से ट्रेनों का आवागमन शुरू नहीं हो पाया है, दुर्घटना के कारण ट्रैक पर क्षतिग्रस्त बोगियों का मलबा पड़ा हुआ है। बता दें कि इस हादसे में अभी तक 288 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। तो वहीं, घायलों की संख्या 1000 से ज्यादा बताई जा रही है। हादसे के बाद हर तरफ मलबा बिखरा हुआ है। ट्रेनों के कोच की हालत बता रहा है कि हादसा कितना भयानक रहा होगा। पटरियों और आसपास यात्रियों का सामान फैला हुआ है। किसी का बैग दबा है तो किसी का एक जूता…। इस मलबे में न जाने कितनी यादें, कितने वादे, कितने उम्मीदें दबी हैं।

तो वहीं, इस हादसे के 36 घंटे बाद बालासोर में जिंदगी को पटरी पर लाने का काम शुरू हो गया है। बता दें कि बालासोर ट्रेन दुर्घटनास्थल पर ट्रैक को ठीक करने का काम जारी है और रातभर में पटरियों पर पड़ा मलबा हटा लिया गया है। रेल मंत्रालय द्वारा दी गई ताजा जानकारी के मुताबिक, ट्रैक को ठीक करने में 1000 से ज्यादा लोग काम पर लगे हुए हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे के CPRO आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि जितनी भी बोगी पलटीं थीं उनको हटा दिया है। मालगाड़ी की 3 में से 2 बोगियों को हटा दिया गया है और तीसरे को हटाया जा रहा है। थोड़ी देर में ट्रैक को भी साफ कर दिया जाएगा।  

रेल मंत्रायल के मुताबिक, 1000 से अधिक लोग स्थिति को सुचारू रूप से फिर संचालित करने में लगे हुए हैं। ट्रेनों का आवागमन जल्दी हो सके इसके लिए 7 से अधिक पोकलेन मशीन, 2 दुर्घटना राहत ट्रेन, 3-4 रेलवे और रोड क्रेन काम में लगे हुए है। साइट को पूरी तरह से क्लियर करने की कवायद चल रही है। रेल मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा कि अधिकारी दुर्घटनास्थल पर बहाली प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। इससे पहले शनिवार को रेल मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि ओडिशा के बालासोर में मरम्मत का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। बता दें, 7 टीमें एनडीआरएफ, 5 ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) इकाइयां और 24 अग्निशमन सेवाएं और आपातकालीन इकाइयां बचाव कार्यों में शामिल थीं।

 'लोगों को बचाने पर हमारा फोकस', घटनास्थल पर पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव चेन्नई सेंट्रल स्टेशन पर की गई विस्तृत व्यवस्था बालासोर ट्रेन हादसे में प्रभावित हुए यात्रियों को उनके परिजनों से मिलाने के लिए चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर विस्तृत व्यवस्था की गई है। स्टेशन पर कई हेल्थ डेस्क स्थापित किए गए हैं। इतना ही नहीं, स्टैंड बाई पर एंबुलेंस और व्हील चेयर भी लाए गए हैं। यात्रियों को जरूरत के हिसाब से उनके घर तक पहुंचाने के लिए कैब ड्राइवरों को भी स्टैंडबाय पर रखा गया है।
 

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