विश्वविद्यालय से UGC को नहीं मिल पाए ’एनईपी सारथी’

लखनऊ
विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) समझाने और इसके प्रयासों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रोत्साहित करने सहित विभिन्न जिम्मेदारियों के लिए अधिकांश विश्वविद्यालयों को सारथी नहीं मिल पाए। यूजीसी देशभर से केवल 262 उच्च शिक्षा संस्थानों में 721 विद्यार्थी ही बतौर सारथी चुन सका है। सारथी की इस सूची में मेरठ से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय शामिल नहीं है। सारथी बनने के लिए यूजीसी ने देशभर के विश्वविद्यालयों से आवेदन मांगे थे। सारथी एनईपी के लिए बतौर एंबेसडर काम करेंगे।

यहां चुने गए सारथी
यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस, जीएलए विश्वविद्यालय, डॉ.जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, शारदा विश्वविद्यालय, आईआईएमटी विश्वविद्यालय, एरा विश्वविद्यालय, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, रुहेलखंड विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी कांशी विद्यापीठ।
प्रदेश में 30 से अधिक राज्य विश्वविद्यालय हैं, लेकिन इनमें से तीन राज्य विश्वविद्यालय ही एनईपी सारथी की सूची में जगह बना पाए हैं। एनईपी के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार का विशेष फोकस है।

ये होंगी सारथी की जिम्मेदारियां:
-एनईपी के लिए जागरूकता लाना।
-छात्र समूहों से संपर्क बनाना।
-डिबेट, संवाद, प्रतियोगिता, नुक्कड़ नाटिका जैसी गतिविधियां।
-सोशल मीडिया पर कैम्पेन।

 

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