प्रदेश सरकार के पास खुद का नहीं कोई विमान, कंपनियों को किया 12 करोड़ का भुगतान

भोपाल

मध्यप्रदेश सरकार के पास वर्तमान में खुद का कोई विमान नहीं है।  केवल एक सरकारी हेलीकॉप्टर ही सरकार के पास मौजूद है। हालत यह है कि मुख्यमंत्री, मंत्री और सरकारी अफसर किराए के विमान में उड़ रहे है। निजी उड़ानों के लिए चार कंपनियों को राज्य सरकार ने पिछले साढ़े चार महीने में बारह करोड़ रुपए का किराया भुगतान किया है।

एयरो एयरक्रॉफ्ट सेल्स एंड चार्टर प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली के शैलेन्द्र प्रताप सिंह को सर्वाधिक 5 करोड़ 18 लाख 2 हजार 145 रुपए किराए के रुप में दिए गए है।  नई दिल्ली की ही यूनिवर्सल एयरवेज के नरवर को 4 करोड़ 31 लाख 80 हजार 887 रुपए किराए के रुप में दिए गए। सारथी एयरवेज नई दिल्ली के संचालक गुलाब सिंह तोमर को दो करोड़, 29 लाख 48 हजार 910 रुपए और सिमसेम एयरवेज मुंबई के प्रदीप सैनी को 95 लाख 8 हजार 386 रुपए किराए के रुप में दिए गए है।

एक मात्र विमान वह भी खराब पड़ा
राज्य सरकार के पास एक ही विमान बीटी 250 है जो छह मई 2021 को क्षतिग्रस्त होंने के बाद ग्वालियर में खराब पड़ा है। यह विमान उड़ान भरने लायक नहीं रह गया है। वहीं क्षतिग्रस्त हेलीकॉप्टर बेल 430 और बेल 407 राज्य सरकार बेच चुकी है।  ग्वालियर में खड़े क्षतिग्रस्त विमान को भी सरकार बेचने की तैयारी में है। वर्ष 2011 में खरीदे गए हेलीकॉप्टर ईसी 155 जो कि पैसठ करोड़ में खरीदा गया था उससे ही हवाई यात्रा होती है। अधिकांश हवाई यात्राएं निजी विमान और हेलीकॉप्टर से हो रही है।

नया जेट खरीदने की तैयारी
राज्य सरकार नया जेट खरीदने की तैयारी में है। इसके लिए निजी कंपनियों के प्रस्ताव आ गए है। अब आरएफपी जारी करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके बाद सीएस की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी के पास प्रस्ताव जाएगा। जिसमें वित्तीय विड जारी की जाएंगी। इसके बाद जेट खरीदा जाएगा।

296 घंटे निजी विमान, हेलीकॉप्टर से उड़ान
राज्य सरकार के मंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य वीआईपी ने सरकारी हेलीकॉप्टर से 127 घंटे 50 मिनट उड़ान भरी वहीं निजी विमान से 168 घंटे और निजी हेलीकॉप्टर से 128 घंटे 30 मिनट उड़ान भरी।

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