दवाइयों-डिटॉक्स जूस के फायदा कम, नुकसान ज्यादा

शरीर को किसी भी विशेष तरीके, जैसे कि डिटॉक्स जूस, दवाइयों आदि से डिटॉक्स करने की जरूरत नहीं है। न्यूयॉर्क की न्यूट्रिशन एक्सपर्ट जेसिका लेविसन के मुताबिक, लिवर, किडनी, फेफड़े, आहार और पाचन प्रणाली आदि शरीर का डिटॉक्स सिस्टम हैं। इनकी मदद से शरीर खुद को डिटॉक्स करता है।

हार्वर्ड के मुताबिक, हमारी पूरी आंत में लाभदायक बैक्टीरिया होते हैं जो कि बीमारी से लड़ने और अंगों को सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं, लेकिन जब हम डिटॉक्स के लिए बाहरी तरीके अपनाते हैं तो अच्छे और खराब बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे फायदे की जगह नुकसान ज्यादा होता है।

इन 3 तरीकों से डिटॉक्स सिस्टम को मजबूत होगा

एक्सरसाइज : रिवॉल्वड चेयर पोज
घुटनों को मोड़ते हुए कुर्सी की मुद्रा बनाएं। हाथों को जोड़कर सीने के ठीक बीच में कर लें। अब सांस छोड़ते हुए बाईं कोहनी को दाईं जांघ पर टिकाएं। इस मुद्रा में 10 से 15 सेकंड रुकें। दूसरी तरफ दोहराएं। ये लिवर, प्लीहा एवं पाचन तंत्र को सक्रिय डिटाक्सिफिकेशन बढ़ाता है।

नींद : रात 8 से 12 बचे के बीच सो जाएं
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एलीसन के मुताबिक, सही नींद 90 मिनट के 5 से 6 चक्र में पूरी होती है। यह ऐसा समय है जब इन चक्रों को बिना व्यवधान पूरा किया जा सकता है। किडनी फंक्शन शरीर की जागने और सोने के चक्र से नियंत्रित होता है।

भोजन : गोभी और लहसुन को करें शामिल
गोभी में कोलिन नाम का पोषक तत्व पाया जाता है तो लिवर की कार्य प्रणाली को बेहतर करता है। ऐसे ही लहसुन में एलिसिन नाम का कंपाउंड होता है जो किडनी की कार्य प्रणाली को सुधार कर उसकी फिल्टर करने की क्षमता को बढ़ाता है।

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