‘दिन में दोनों टाइम चावल खाती हैं सिंधु लेकिन फिर भी हैं Slim Trim’

नई दिल्ली
 'तू मेरे साथ-साथ आसमां के आगे चल…' ऐसे ही गीतों को गाते हुए अपने बाबा की उंगलाी पकड़कर बैडमिंटन अकादमी जाती थीं आठ साल की छोटी सी सिंधु। तब किसी को नहीं पता था कि ये छोटी बालिका एक दिन इतिहास रचेगी और विश्वपटल पर भारत का सीना गर्व से चौड़ा कर देगी आपको बता दें भारत की शान और डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु का आज जन्मदिन है। 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में जन्मीं सिंधु रियो ओलिंपिक की 'सिल्वर गर्ल' और टोक्यो ओलिंपिक का 'ब्रॉन्ज मेडल' गर्ल हैं और साथ ही वो 'वर्ल्ड चैंपियन' का भी खिताब अपने नाम कर चुकी हैं।

तपस्या, लगन, एकाग्रता और दीवानगी
उनकी तपस्या, लगन, एकाग्रता और खेल के प्रति दीवानगी ने ही उन्हें शीर्ष तक पहुंचाया है। दो बार देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पीवी सिंधु आज भी कोर्ट में वैसे ही पसीना बहाती हैं, जैसे कि एक न्यू कमर बहाता है।

साधारण परिवार का असाधारण माहौल
आपको बता दें पीवी सिंधु का जन्म सामान्य परिवार में हुआ था लेकिन घर का माहौल असाधारण था। उनके पिता पीवी रमन्ना और मां पी विजया नेशनल दोनों वॉलीबॉल के नेशनल लेवल के खिलाड़ी रहे हैं, उनके पापुा को तो 'अर्जुन अवॉर्ड' भी मिल चुका है।

'अकेले कमरे में घंटों चिल्लाया करो'
सिंधु नेचर से शांत हैं इसलिए उनके गुरु पुलेला गोपीचंद ने उनसे कहा था कि 'अगर आगे बढ़ना है और दुनिया जीतनी हैं तो एग्रेसिव बनो, अकेले कमरे में घंटों चिल्लाया करो, वो भी अपनी पूरी ताकत के साथ। सिंधु ने इस बात का खुलासा खुद एक इंटरव्यू में किया था।

जानिए सिंधु का 'फिटनेस सीक्रेट'
दौलत, शौहरत की बुलंदी पर बैठी सिंधु आज भी एक कड़े अनुशासन का पालन करती हैं और इसी वजह से वो काफी छरहरी काया की मालकिन हैं। आइए आपको बताते हैं उनके 'फिटनेस सीक्रेट'।

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