अजित पवार के नए दांव से तिलमिलाए शरद पवार और उद्धव ठाकरे, पर शिंदे गुट के विधायक गदगद क्यों?

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र की राजनीति में शह-मात का खेल जारी है। अब उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के कुछ दिनों के अंदर ही ऐसा दांव चला है, जिससे चाचा शरद पवार और उनके समर्थक तिलमिला उठे हैं। भतीजे अजित पवार ने अपने साथ बगावत करने वाले एनसीपी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अधिक विकास निधि आवंटित करना शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं जूनियर पवार ने शिवसेना (शिंदे) गुट के विधायकों को भी इसका फायदा पहुंचाया है। शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार गुट के विधायकों ने इस फंड आवंटन पर गड़बड़ी का दावा किया है।

अजित पवार ने अनुपूरक मांग प्रावधान के तहत 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिनमें से अधिकांश एनसीपी और शिवसेना के बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को निधि देने के लिए खर्च किए जाएंगे। एनसीपी के बागी विधायकों और शिंदे गुट और भाजपा के विधायकों को 25 करोड़ रुपये और उससे अधिक की परियोजनाएं आवंटित की जा रही हैं।

यह घटनाक्रम कई कारणों से दिलचस्प है। अजित पवार के करीबी विधायकों को इस विकास निधि का अधिक आवंटन शरद पवार गुट के वफादार विधायकों को अपने खेमे में लाने के लिए प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है। अजित के साथ एनसीपी के 53 में से करीब 40 विधायक बताए जा रहे हैं।

फंड आवंटन पर शरद पवार गुट के राज्य एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल ने ET से कहा, "मैं भी वित्त मंत्री था और मुझे आश्चर्य है कि अनुपूरक अनुदान का आंकड़ा इतनी बड़ी संख्या में पहुंच गया है। ऐसा लग रहा है कि जो कोई भी धन मांग रहा है, उसे आवंटित किया जा रहा है और सभी के सपने पूरे किये जा रहे हैं।" गौरतलब है कि शरद पवार गुट के करीबी अन्य NCP विधायकों जैसे जितेंद्र अव्हाड को पूरक अनुदान में कोई धनराशि नहीं मिली है, जबकि जयंत पाटिल के निर्वाचन क्षेत्र – इस्लामपुर में परियोजनाओं के लिए धन आवंटित किया गया है।

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