1969 में किया था पोस्ट, 2023 में पते पर पहुंचा पोस्टकार्ड; आखिर क्यों लगे 54 साल?

 नई दिल्ली

इंटरनेट के इस दौर में शायद ही कोई चिट्ठी या पोस्टकार्ड लिखता होगा। पहले के जमाने में यह संचार का एक सशक्त और भरोसेमंद माध्यम हुआ करता था। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में पहले पोस्टकार्ड के जरिए ही लोग एक-दूसरे को संदेश भेजा करते थे। समय पर इसकी डिलीवरी भी कर दी जाती थी। कभी कबार इसमें देरी भी हो जाया करती थी। देरी का दायरा भी 5-7 दिन ही हुआ करता था। लेकिन एक पोस्टडार्ड ऐसा भी है जो 54 साल में उसपर अंकित पते पर पहुंचा है।

एक फेसबुक यूजर ने पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। जेसिका मीन्स लिखती हैं, ''इस रहस्य को सुलझाने में मेरी मदद करें! कृपया इसे शेयर करें। मुझे यह जानना अच्छा लगेगा कि कैसे इसने दशकों तक घर-घर तक अपनी पहुंच बनाई। हो सकता है कि आपको या आपके किसी जानने वाले के पास इसकी जानकारी हो कि 2023 में टालहासी से इसे किसने मेल किया होगा!''

उन्होंने आगे लिखा है, “यह पोस्टकार्ड आज मेल से मेरे पास पहुंचा है। पता में मिस्टर एंड मिसेज रेने गगनन या वर्तमान निवासी लिखा था। इसे मूल रूप से 15 मार्च, 1969 को पेरिस से पोस्ट किया गया था। हालांकि इसे अपने गंतव्य तक पहुंचने में 54 साल लग गए। इस पर ताल्हासी, फ्लोरिडा का पता अंकित है। 12 जुलाई 2023 का नया पोस्टमार्क है।''

पोस्टकार्ड में क्या लिखा है?
पोस्टकार्ड में लिखा है, ''प्रिय लोगों, जब तक आप इसे प्राप्त करेंगे, तब तक मैं घर आ चुका होऊंगा। लेकिन इसे टूर एफिल से भेजना उचित लगता है, जहां मैं अभी हूं। ज्यादा देखने का मौका तो नहीं लेकिन मजा आ रहा है।'' फोसबुक पर यह पोस्ट दो दिन पहले ही शेयर किया गया है। पोस्ट किए जाने के बाद लोगों ने इसे खूब शेयर किया। कई लोगों ने इसे पसंद किया और कमेंट भी किए हैं। एक व्यक्ति ने लिखा, "क्या कहानी है। यह बहुत बढ़िया है!" दूसरे यूजर ने इसे अद्भुत करार दिया है। तीसरे को यह बहुत पसंद आया। कुछ अन्य लोगों ने भी अपने दोस्तों को इस उम्मीद में टैग किया है कि वे उस व्यक्ति को जानते होंगे जिसके लिए पोस्टकार्ड मूल रूप से लिखा गया था।

 

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