लखनऊ और कानपुर मंडल की सड़कों में सबसे अधिक गड्ढे

लखनऊ

बारिश तथा अन्य कारणों से यूपी में इस बार सबसे अधिक लखनऊ व कानपुर क्षेत्र की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इन दोनों क्षेत्रों में ही 9000 किमी से भी अधिक लंबी सड़कें गड्ढामुक्ति के लिए चिन्हित की गई हैं। सरकार और शासन के सख्त निर्देशों के बाद विभाग ने सड़कों के गड्ढों को भरने में तेजी दिखानी शुरू की है। आंकड़ें बता रहे हैं कि राज्य में सड़कों पर बने 20 फीसदी से अधिक गड्ढों को भरकर चलने योग्य बना दिया गया है।  

लखनऊ में 8587 किमी. सड़कें मरम्मत व नवीनीकरण की श्रेणी में
लखनऊ क्षेत्र में कुल 14840 सड़कें हैं, जिनकी लंबाई 28924 किमी है। इनमें से 5221.76 किमी सड़क टूट-फूट व गड्ढों से क्षतिग्रस्त हैं। इन सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे बने हैं। इसके अलावा लखनऊ क्षेत्र की 2625.78 किमी सड़क नवीनीकरण और 739.89 किमी सड़क विशेष मरम्मत की श्रेणी में रखी गई हैं। इन सबको जोड़ने के बाद लखनऊ की 8587.43 किमी सड़कें ऐसी हैं जो चलने में लोगों को कष्ट दे रही हैं। इसी प्रकार कानपुर क्षेत्र में 7932 सड़कें है जिनकी लंबाई 16944.65 किमी. है। इनमें से 4011.24 किमी लंबी सड़कों को गड्ढामुक्ति के लिए चिन्हित किया गया है। गड्ढामुक्ति, विशेष मरम्मत तथा नवीनीकरण के लिए चिन्हित सड़कों की कुल लंबाई 6124.90 किमी है।

सबसे तेज हो रहा सड़कों के विशेष मरम्मत का काम
लोक निर्माण विभाग ने पूरे प्रदेश में गड्ढामुक्ति की श्रेणी में आने वाली जिन सड़कों को चिन्हित किया है, उनकी लंबाई 44370 किमी है। ये सभी सड़कें पीडबल्यूडी की अपनी हैं। इनके अलावा 21843 किमी लंबी सड़क नवीनीकरण तथा 6887 किमी लंबी सड़क को विशेष मरम्मत के लिए चुना गया है। 21 सितंबर तक की रिपोर्ट के मुताबिक 20.34 फीसदी सड़कें गड्ढामुक्त की जा चुकी हैं। विशेष मरम्मत का काम सबसे तेज हुआ है 77.85 फीसदी सड़कों का हो चुका है। वहीं नवीनीकरण में चिन्हित 43.50 फीसदी सड़कों का काम विभाग ने पूरा कर दिया है। विभाग के सामने दीपावली से पूर्व गड्ढामुक्ति के लिए चिन्हित सड़कों का काम पूरा करना चुनौती बना हुआ है। 

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