कुरुक्षेत्र : मरीजों को मिलेगी राहत, ब्‍लड कंपोनेंट की दूर होगी समस्‍या, कुरुक्षेत्र के ब्‍लड बैंक ने शुरू की पहल

कुरुक्षेत्र
एलएनजेपी अस्पताल के ब्लड बैंक में तीन साल पहले आई मशीन से ब्लड कंपोनेंट तैयार होने शुरू हो गए हैं। मशीन चलाने का लाइसेंस मिलने के बाद आरबीसी और प्लाज्मा अलग-अलग तैयार किए जा रहहे हैं, जबकि प्लेटलेट्स भी कुछ ही दिनों में तैयार होने लगेंगे। इससे उन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें अलग कंपोनेंट नहीं मिलने के चलते निजी ब्लड बैंक या निजी अस्पतालों में उपचार के लिए भागना पड़ता है। खासकर डेंगू-मलेरिया कुछ ही दिनों में दस्तक देने वाला है। ऐसे में अगर सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स मरीजों को मिलने लगेंगे तो प्लेटलेट्स नहीं होने की वजह से निजी अस्पताल में इलाज के लिए मजबूरी में भागने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

दरअसल कोरोना काल से पहले वर्ष 2019 में ही ब्लड कंपोनेंट मशीन आ गई थी। शुरुआत में जहां पुरानी इमारत में ब्लड बैंक होने की वजह से मशीन सैटअप करने से अस्पताल प्रशासन परहेज कर रहा था वहीं नई इमारत में आने के बाद कोरोना आ गया। कोरोना से कुछ राहत मिलने के बाद मशीन को चलाने का लाइसेंस लिया गया और अब मशीन को शुरू कर दिया गया है। इस मशीन से ब्लड के लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं, प्लाज्मा और प्लेटलेट्स तैयार किया जा सकेंगे। फिलहाल शुरुआती दौर में ब्लड बैंक में आरबीसी और प्लाज्मा तैयार किया जाने लगा है। मशीन में अभी टैंपरेचर मैंटेन होने में तकनीकी खामी के चलते प्लेटलेट्स नहीं बन पा रहे, लेकिन जल्द ही प्लेटलेट्स भी बनने लगेंगे।

इन मरीजों को चाहिए अलग-अलग रक्त

  • प्लेटलेट्स : डेंगू के मरीजों के प्लेटलेट्स गिरने लगते हैं। इसके बाद इन्हें प्लेटलेट्स की जरूरत होती है।
  • आरबीसी : थैलेसीमिया के मरीजों को लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की जरूरत होती है। ऐसे में थैलिसीमिया के मरीजों को आरबीसी यहीं से मिल सकेगा।
  • प्लाज्मा : बर्न केस के मरीजों को बचाने के लिए प्लाज्मा की जरूरत होती है।
  • डब्ल्यूबीसी : एड्स के मरीजों को श्वेत रक्त कोशिकाओं (डब्ल्यूबीसी) की जरूरत होती है।
  • अलग-अलग कंपोनेंट जारी होने लगे : डा. विनोद तंवर

एलएनजेपी अस्पताल के पैथोलाजिस्ट डा. विनोद तंवर और डा. रमा ने बताया कि प्लाज्मा और आरबीसी अलग-अलग किया जा रहा है। मरीजों को रक्त के अलग-अलग कंपोनेंट जारी किए जाने लगे हैं। बाकी के कंपोनेंट भी जल्द अलग किए जाने लगेंगे। इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button