कोसरिया मरार-पटेल समाज छत्तीसगढ़ का मेहनतकश समाज : बघेल

रायपुर

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है छत्तीसगढ़ का कोसरिया मरार-पटेल समाज एक मेहनतकश समाज है। जिसमें महिलाएं भी पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी बाड़ी में दिन-रात परिश्रम करती हैं। समाज में समानता का भाव है, पुरूषों के साथ महिलाओं को भी समानता का दर्जा है। यह समाज के प्रगतिशील होने की निशानी है। उन्होंने कहा कि आज किसी भी समाज की प्रगति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। इस समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को समाज के हित में, रोजगार के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में, समाज सुधार के क्षेत्र में काम करने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में पसरा टैक्स खत्म कर दिया गया है। पसरा टैक्स की वसूली करने वालों पर शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री बघेल राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय आॅडिटोरियम में छत्तीसगढ़ कोसरिया मरार पटेल समाज द्वारा आयोजित समाज के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में समाज के सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को सामाजिक नीतियों, जिम्मेदारियों के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए शपथ दिलाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कोसरिया मरार पटेल समाज के प्रदेशाध्यक्ष श्री राजेन्द्र नायक पटेल ने की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, शाकम्भरी बोर्ड के सदस्य श्री पवन पटेल, छत्तीसगढ़ कोसरिया मरार पटेल समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री सुनील पटेल सहित श्री राजेन्द्र प्रसाद पटेल, श्री विद्याभूषण शुक्ल एवं समाज के पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समारोह में सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज इस शपथ ग्रहण समारोह में 105 लोगों की बहुत बड़ी कार्यकारिणी ने शपथ ली। आप सभी को बहुत बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कहा कि आप सभी उन महापुरुषों के वंशज हैं, जिन्होंने पूरे देश में समाज सुधार का काम किया, जैसे ज्योतिबा फुले, जिन्होंने अपनी पत्नी को पूरे देश में पहली शिक्षिका बनाया। मुझे इस बात पर गर्व है कि मुझे ज्योतिबा फुले सम्मान भी प्राप्त हुआ है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं वहां गया था। मैंने उस मकान को देखा, जहां समाज से परित्यक्त लोगों को चाहे वह किसी भी समाज के हों, जिन्हें घर से निकाल दिया गया, उनको आश्रय दिया गया था, जहां निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का काम किया जाता था। उस बावली उस कुएं को भी देखा जहां सभी समाज के लोगों को पानी पीने की अनुमति थी। उन्होंने छुआछूत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज हमारे छत्तीसगढ़ में पटेल समाज एक मेहनतकश समाज है और मैं यह कह सकता हूं कि हमारे समाज में पुरुष कमाकर स्त्री को सौंपता है। परंतु मरार समाज में इसके उलट स्त्रियां मेहनत कर पुरुष को आय प्रदान करती हैं। ऐसी सभी मातृशक्तियों को जो आज यहां बैठी हैं मैं प्रणाम करता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज बहुत से अन्य समाजों में पर्दा जैसी कुरीतियां प्रचलित है, महिलाओं को बाहर काम करने की मनाही है लेकिन मरार समाज में बाड़ी में पटेल रहट (टेड़ा) से पानी निकालते थे और महिलाएं बाड़ी का काम संभालती थीं। यह दिन-रात मेहनत करने वाला समाज है। सूर्याेदय के पहले से लेकर सूर्यास्त के बाद तक दिन रात मेहनत करने वाला समाज। मेहनत के साथ-साथ शिक्षा भी हमारे समाज में होना चाहिए, समानता का भाव तो समाज में है, समाज की प्रगति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है, शिक्षा के बिना कोई समाज आगे नहीं बढता है।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button