“कबीर साहित्य” आज भी समाज का मार्गदर्शक : कर्नाटक के राज्यपाल गहलोत

हरदा में प्रतिवर्ष होगा कबीर प्रकटोत्सव : कृषि मंत्री पटेल

भोपाल

कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने कहा है सैकड़ों वर्षों बाद आज भी "कबीर-साहित्य" समाज का मार्गदर्शन कर रहा है। उनकी शिक्षाएँ हमेशा से ही प्रासंगिक रही हैं और आगे भी रहेंगी। गहलोत ने कहा कि कबीर दास जी निर्गुण धारा के कवि थे। उन्होंने हमेशा सामाजिक कुरीतियों और कुप्रथाओं का विरोध किया।   

गहलोत हरदा के कृषि उपज मंडी प्रांगण में  संत शिरोमणि कबीर दास की 625 वीं जयंती "कबीर प्रकटोत्सव" को संबोधित कर रहे थे।

किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा कि हरदा में प्रतिवर्ष कबीर प्रकटोत्सव समारोह पूर्वक मनाया जाएगा।  कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि संत कबीर दास जी द्वारा लिखित साहित्य समाज को हमेशा से दिशा देता रहा है। हरदा की सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए जल्द ही नमो भवन का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने हरदा में मौजूद कबीर आश्रम में निर्माण कार्य के लिए 5 लाख रूपए देने की घोषणा भी की।

प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि राज्य सरकार समाज के सबसे पिछड़े और गरीब वर्ग के लोगों को आगे बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और जन-कल्याणकारी योजनाएँ संचालित कर रही हैं। सांसद दुर्गादास उइके ने भी संबोधित किया।

राज्यपाल गहलोत और अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम में विभिन्न समाज सेवियो का शॉल ओढ़ा कर सम्मान किया। गुरू चरण दास और उनके दल ने कबीर दास जी के दोहों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी। विधायक सर्वसंजय शाह और ठाकुरदास नागवंशी, जिला पंचायत अध्यक्ष गजेंद्र शाह, खंडवा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कंचन तन्वे सहित जन-प्रतिनिधि मौजूद थे।

 

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