भारत यात्रा के बाद खार खाए बैठे जस्टिन ट्रूडो, G7 देशों के सामने भी निकाली भड़ास

टोरंटो
भारत यात्रा के बाद उनके अपने देश में हुई फजीहत के बाद जस्टिन ट्रूडो भारत से खार खाए बैठे हैं। जस्टिन ट्रूडो ने अब भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप लगाया है। खालिस्तान के साथ हमदर्दी रखने को ही लेकर उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमकर सुनाया था। कनाडा पहुंचने पर उनके अपने देश में काफी फजीहत हुई। अब उन्होंने निज्जर की हत्या को लेकर ही एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया। निज्जर की 18 जून को कुछ अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कनाडा की विदेश मंत्री का कहना है कि जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को हुई जी7 की बैठक के दौरान भी यह मुद्दा उठाया। बता दें कि जी-7 देशों में कनाडा के अलावा अमेरिका, यूके, जापान, फ्रांस, जर्मनी और इटली शामिल हैं।

भारत ने दिया करारा जवाब
कनाडा की हरकतों को लेकर भारत ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि कनाडा भारत पर झूठे, मनगढ़ंत और बेहूदे आरोप लगा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये आरोप बेहद घटिया हैं। हम इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं। भारत ने कहा कि कनाडा लंबे समय से खालिस्तानी आतंकियों का पनाहगाह बना हुआ है। भारत ने कहा कि कनाडा इन खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचना चाहता है और इससे ध्यान भटकाने के लिए ही इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाए जा रहे हैं। बता दें कि कनाडाई संसद में ट्रूडो ने कहा कि अगर भारत निज्जर की हत्या की जांच में किसी भी तरह से दखल देगा तो यह स्वीकार्य नहीं होगा।
 
कितना भाव देंगे जी-7 देश?
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जी-7 देशों के सामने अपनी भड़ास जरूर निकाल रहे हैं लेकिन उन्हें इन देशों से भी भाव मिलना मुश्किल है। हाल ही में जी-20 सम्मेलन के दौरान भारत के घोषणापत्र पर सभी जी20 देशों ने सहमति जताई और स्वीकार किया। इसमें आतंकवाद से लड़ना काफी अहम मुद्दा था। खालिस्तान का मुद्दा भी आतंकवाद और उग्रवाद से जुड़ा है। जी20 सम्मेलन के बाद भारत का रुतबा दुनियाभर के देशों में और बढ़ा है। वहीं बीते कई सालों में भारत ने हर वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ अपना कड़ा रुख सामने रखा है। ऐसे में जस्टिन ट्रूडो इस मामले को लेकर अकेले ही पड़ सकते हैं।

भारत यात्रा के दौरान जस्टिन ट्रूडो से प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट कहा था कि उनके देश में खालिस्तानियों को पनाह दी जा रही है और उनका पक्ष लिया जा रहा है। इसपर ट्रूडो ने गोलमोल जवाब दिया और कहा कि वह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों की रक्षा करते रहेंगे। यहीं से जस्टिन ट्रूडो का इरादा झलक गया था। भारत से कनाडा लौटने के बाद वहां के लोगों ने ट्रूडो की आलोचना की और कहा कि उन्हें भारत में कोमोरोस जैसे छोटे देश के नेता के बराबर भी अहमियत नहीं मिली। बता दें कि लंबे समय से कनाडा खालिस्तानियों के साथ नजर आ रहा है। कनाडा में खालिस्तानी कई हिंदू मंदिरों और राजनयिक कार्यालयों पर हमला कर चुके हैं।

 

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