हनुमा विहारी ने मप्र से खेलने से किया इन्कार

 इंदौर
आगामी सत्र में आयातित खिलाड़ियों के भरोसे रणजी खिताब जीतने की योजना बना रहे मप्र क्रिकेट संगठन की तैयारियों को झटका लगा है। आंध्र प्रदेश के अनुभवी खिलाड़ी हनुमा विहारी ने मप्र क्रिकेट टीम से खेलने से इन्कार कर दिया है। वे आगामी सत्र में अपने राज्य का ही प्रतिनिधित्व करेंगे।

हनुमा विहारी की अगुआई में हाल ही में दक्षिण क्षेत्र की टीम ने दलीप ट्राफी का फाइनल 14वीं बार अपने नाम किया था। फाइनल में दक्षिण क्षेत्र ने पश्चिम क्षेत्र को पराजित किया था। इस टीम में चेतेश्वर पुजारा, सूर्य कुमार यादव, पृथ्वी शा और सरफराज खान जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी शामिल थे। मगर हनुमा की सूझबूझभरी कप्तानी के आगे सभी सितारे फीके साबित हुए।

मप्र को भी रणजी टीम के लिए एक कुशल कप्तान की तलाश है, जो शीर्षक्रम में बेहतर बल्लेबाजी भी कर सके। गत सत्र में कप्तानी संभालने वाले आदित्य श्रीवास्तव की बल्लेबाजी निराशाजनक रही थी। बतौर कप्तान भी वे कोई कमाल नहीं दिखा सके थे। प्रदेश क्रिकेट में आम धारणा है कि टीम की सत्र दर सत्र की रणनीति कोच चंद्रकांत पंडित बनाते हैं। ऐसे में श्रीवास्तव के बल्ले की खामोशी ने टीम प्रबंधन की चिंता बढ़ा दी है।

29 साल के मध्यक्रम बल्लेबाज हनुमा ने पिछले साल टूटी कलाई के बावजूद रणजी क्वार्टर फाइनल मैच में मप्र के ही खिलाफ एक हाथ से बल्लेबाजी की थी। यह मैच इंदौर के होलकर स्टेडियम में ही हुआ था। तब उन्होंने एक हाथ से बल्लेबाजी करने के बावजूद तीन चौके भी लगाए थे।

उनकी नेतृत्व क्षमता से तभी से मप्र टीम प्रबंधन प्रभावित था। बाद में उन्होंने मप्र से खेलने की इच्छा व्यक्त की थी। मगर अब अचानक मन बदलते हुए आंध्रप्रदेश से ही खेलना जारी रखने का फैसला किया है। उन्होंने अपने फैसले से मप्र क्रिकेट संगठन को भी अवगत करा दिया है।

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