एच-1बी वीजा नवीनीकरण सुविधा से आईटी निर्यात में वृद्धि होगी : SEPC

नई दिल्ली
 एच-1बी वीजा का नवीनीकरण भारत में ही शुरू करने की अमेरिका की घोषणा से भारत के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पेशेवरों की तेजी से आवाजाही में मदद मिलेगी और सेवाओं के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (एसईपीसी) ने बुधवार को कहा कि ए-1बी वीजा के नवीनीकरण संबंधी इस अनुकूल कदम से घरेलू आईटी पेशेवरों को अमेरिका जाकर अपने ग्राहकों से प्रत्यक्ष संपर्क करने में भी आसानी होगी।

एसईपीसी के चेयरमैन सुनील एच तलाटी ने कहा, ‘जब भारतीय आईटी पेशेवर विदेश में मौजूद ग्राहक स्थलों तक जल्द पहुंच सकते हैं तो वे ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझने के साथ उनसे मजबूत रिश्ते बनाकर सही समाधान भी दे सकते हैं। सीधे जुड़ाव से ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ती है और वे भारतीय कंपनियों के साथ दोबारा कारोबार करना चाहते हैं। इस तरह आईटी क्षेत्र का निर्यात बढ़ता है।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया यात्रा के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग ने एच-1बी वीजा का नवीनीकरण भारत में ही शुरू करने की घोषणा की है।

तलाटी ने कहा कि भारत के आईटी निर्यात के लिए अमेरिका के प्रमुख बाजार होने से इस घोषणा का भारत से आईटी सेवा निर्यात पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘आईटी निर्यात वृद्धि का पिछला अनुमान आठ से 12 प्रतिशत का था लेकिन इस कदम से आईटी निर्यात की वृद्धि 13-15 प्रतिशत तक रह सकती है।’

एच-1बी वीजा के तहत अमेरिकी कंपनियां विदेशी श्रमिकों को खास तरह के व्यवसायों में काम करने के लिए अपने यहां बुलाती हैं। यह वीजा एक बार में तीन साल के लिए जारी किया जाता है। हालांकि इसके नवीनीकरण के लिए विदेशी कामगार को अमेरिकी वाणिज्य दूतावास जाना होता है। यह उनके लिए एक बड़ी असुविधा होती है क्योंकि वीजा के लिए 800 दिन या उससे भी अधिक समय तक इंतजार करना पड़ जाता है।

 

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