आड़े वक्त में काम आये सहयोगियों को साध रहे गहलोत

जयपुर.

राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर सीएम अशोक गहलोत अब उन राजनीतिक दलों से गठबंधन की रूपरेखा भी तैयार कर चुके हैं जिन्होंने सियास संकट में उनका साथ दिया था। इसमें सीपीएम और भारत आदिवासी पार्टी शामिल हैं। गहलोत इसके संकेत दे भी चुके हैं। सीपीएम के मौजूदा समय में 2 विधायक हैं। जिनमें भादरा से बलवाल पूनियां और श्रीडूंगरगढ़ से गिरधारी लाल हैं।

दांतारामगढ़ सीट पर सीपीएम के साथ हो सकता है गठबंधन
सूत्रों के मुताबिक इन दोनों सीटों के अलावा दांतारामगढ़ की सीट पर कांग्रेस सीपीएम से अलायंस कर सकती है। हालांकि, इस सीट पर कांग्रेस विरेंद्र सिंह विधायक हैं। लेकिन, 2008 के विस  चुनावों में यह सीट सीपीएम के खाते में ही थी। सीपीएम के अमराराम यहां से विधायक थे। इस सीट पर कम्यूनिस्ट पार्टी का बड़ा होल्ड माना जाता है। हालांकि, पिछले दो चुनाव कांग्रेस यहां से जीत रही है।

भारत आदिवासी पार्टी से गठबंधन क्यों जरूरी
भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के फिलहाल 2 विधायक हैं। डूंगरपुर के चौरासी से राजकुमार रोत और सागवाड़ा से राम प्रसाद। ये दोनों ही विधायक सरकार बचाने के लिए हुई बाड़ाबंदी में शामिल थे। उस वक्त ये भारतीय ट्राइबल पार्टी में थे लेकिन, विधानसभा चुनावों से पहले राजकुमार रोत ने ट्राइबल बेल्ट के लिए नई भारत आदिवासी पार्टी गठित कर दी। अब तक बीएपी ने 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं। बीएपी का सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को है। बांसवाड़ा में बीएपी ने बीजेपी के बागी खेमराज गरासिया को पार्टी में शामिल किया है। इसका सबसे बड़ा नुकसान बागीदौरा से कांग्रेस के मंत्री महेंद्र जीत मालवीय को होगा। इस सीट पर उन्हें कोई चुनौती देने का दम रखता है तो वह खेमराज गरासिया ही हैं।

कांग्रेस ने 76 सीटों पर उतारे प्रत्याशी
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अब तक दो सूची जारी कर चुकी है। पहली सूची में 33 और दूसरी में 43 उम्मीदवारों के नामों का एलान किया गया है। कांग्रेस ने अब तक 200 में से 76 सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है।

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