ब्रिटिश विश्वविद्यालयों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा भारत, दोनों देशों के बीच शैक्षणिक साझेदारी को मिलेगा नया मुकाम

नई दिल्ली
 भारत और ब्रिटेन के बीच उच्च शिक्षा साझेदारी की विस्तार हो रही है। रविवार को ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधिमंडल भारत पहुंचे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के सदस्य  18 और 19 सितंबर को दिल्ली में भारत-ब्रिटेन उच्च शिक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।यह चर्चा ट्रांसनेशनल एजुकेशन (TNI) पर केंद्रित होगी जो दोनों देशों के संस्थानों के बीच उच्च शिक्षा साझेदारी के विस्तार की सुविधा प्रदान करेगी। ब्रिटेन सरकार के अंतरराष्ट्रीय शिक्षा चैंपियन स्टीव स्मिथ ने बताया कि मुझे ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों और अधिकारियों के एक बड़े और बहुत व्यस्त प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में आकर खुशी हो रही है। हम दोनों देशों के बीच  शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि  विश्वविद्यालयों का अंतरराष्ट्रीयकरण, शिक्षा प्रणालियों की गुणवत्ता बढ़ाती है।

भारत-यूके शिक्षा क्षेत्र के विचार-विमर्श में 'गोइंग ग्लोबल पार्टनरशिप्स' पर भी प्रकाश डाला जाएगा, जो दोनों देशों के बीच टीएनई सहयोग पर केंद्रित एक कार्यक्रम है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और अंततराष्ट्रीयकरण बातचीत का प्रमुख हिस्सा होगा। ट्रांसनेशनल एजुकेशन पर भी दोनों देश चर्चा करेंगे।
 

दोनों देशों के शैक्षणिक संस्थानों के बीच बढ़ेगी साझेदारी

ब्रिटिश काउंसिल में भारत के निदेशक एलिसन बैरेट एमबीई ने कहा,"भारत-ब्रिटेन उच्च शिक्षा सम्मेलन पिछले साल की रचनात्मक चर्चाओं और पहलों को आगे बढ़ाने के अवसर के रूप में काम करेगा।"

    उन्होंने आगे कहा कि सम्मेलन में हम अपनी वैश्विक साझेदारी के प्रभाव को भी प्रदर्शित कर रहे हैं।  हमने 100 भारतीय और 55 यूके उच्च शैक्षणिक संस्थानों के बीच 70 साझेदारियों का समर्थन किया है।

जानकारी के मुताबिक, इस कार्यक्रम में  उच्च शिक्षा प्रणाली के नेता, अनुदान पुरस्कार विजेता, एनएएसी, यूजीसी, डीएसटी, एआईयू जैसे शीर्ष निकायों के वरिष्ठ सदस्य भी शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, भारतीय विश्वविद्यालयों के लगभग 50 कुलपतियों और वरिष्ठ नेतृत्व ने सम्मेलन में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है।

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