आरी से काटा और टुकड़ों को कुकर में उबाला; मुंबई में 56 साल के लिव इन पार्टनर ने किया महिला का कत्ल

नई दिल्ली
दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस जैसा ही एक मामला मुंबई में सामने आया है। यहां एक 56 साल के शख्स ने अपनी लिव इन पार्टनर का कत्ल कर दिया और फिर आरी से शव के टुकड़े कर डाले। यही नहीं आसपास में किसी को शक ना हो और बदबू ना आए, इसके लिए वह शरीर के टुकड़े एक-एक कर फेंकता रहा। पुलिस सूत्रों का तो यहां तक करना है कि मनोज नाम का यह शख्स लिव इन पार्टनर सरस्वती के शव के टुकड़ों को प्रेशर कुकर में उबालता भी था ताकि बदबू को खत्म कर सके। उसके घर से 32 साल की सरस्वती के शरीर के निचले अंग ही पाए गए हैं, जबकि ऊपरी हिस्से को मनोज ने गायब कर दिया।

पुलिस सूत्रों ने शुरुआती जांच के आधार पर बताया कि यह वीभत्स हत्याकांड शायद दो से तीन पहले ही हुआ था। 56 साल के मनोज साहनी के साथ 32 वर्षीय सरस्वती वैद्य लिव इन रिलेशनशिप में रहती थी। दोनों मीरा रोड पर स्थित गीता नगर की आकाशदीप बिल्डिंग में रह रहे थे। आसपास के लोगों का कहना है कि दोनों ही यहां तीन साल से साथ रह रहे थे। नयानगर पुलिस का कहना है कि बुधवार को बिल्डिंग में रहने वाले कुछ लोगों ने शिकायत की थी। इन लोगों का कहना था कि कपल जिस फ्लैट में रहता है, वहां से बदबू आ रही है।

घर में मिले शव के टुकड़े, निचला हिस्सा ही बचा; क्या बोली पुलिस
शिकायत पर जब पुलिस पहुंची तो फ्लैट के अंदर से शव के टुकड़े मिले हैं और मनोज साहनी को अरेस्ट कर लिया गया है। डिप्टी पुलिस कमिश्नर जयंत बाजबाले ने कहा कि हमने साहनी को अरेस्ट कर लिया है। फिलहाल इस बात का पता लगाया जा रहा है कि उसने क्यों मर्डर को अंजाम दिया और कैसे यह हत्याकांड हुआ। उन्होंने कहा कि हमें शक है कि मनोज ने अपनी लिव इन पार्टनर को मारकर उसके शव के टुकड़े कर डाले और फिर उन्हें ठिकाने लगा रहा था ताकि किसी को पता ना चले। नयानगर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि महिला के शव के टुकड़े अब भी गायब हैं।

किसी से ज्यादा बातचीत नहीं करते थे कपल
आरोपी से पूछताछ की जा रही है। संदेह है कि उसने जहां-तहां के शव के टुकड़ों को सबूत मिटाने के मकसद से फेंका है। पुलिस ने हत्या और सबूत मिटाने के आरोपों में केस दर्ज कर लिया है। फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है और सारे सबूत फ्लैट से इकट्ठा किए गए हैं। बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने कहा कि कपल की ज्यादा बातचीत किसी से नहीं थी। वह अपने आप में ही बिजी रहते थे। वे लोग जिस फ्लैट में रहते थे, वहां कोई नेम प्लेट भी नहीं लगी थी। यह फ्लैट सोनम बिल्डर्स के नाम पर रजिस्टर्ड था।

 

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