आयुर्वेदिक संस्थान में पंचकर्म से पहले होगा सीटी स्कैन, रिपोर्ट के आधार पर तय होगा इलाज

भोपाल
राजधानी स्थित पं. खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं संस्थान अब मरीजों को बेहतर उपचार देने के लिए नया प्रयोग शुरू कर रहा है। यहां इलाज के लिए आयुर्वेद के साथ एलोपैथी तकनीक का इस्तेमाल भी किया जाएगा। इसके लिए यहां विकसित नए पंचकर्म सेंटर में मरीजों के इलाज के पहले सीटी स्कैन किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट के आधार पर पंचकर्म शुरू होगा। इसका लाभ सबसे ज्यादा गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को होगा। संभवतः यह प्रदेश का पहला अस्पताल होगा, जहां इस तरह की सुविधा शुरू होगी। एक माह में सीटी स्कैन मशीन महाविद्यालय पहुंच जाएगी।
 

देश-विदेश से आते हैं मरीज
उल्लेखनीय है कि करीब 10 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस सेंटर में देश के साथ विदेशों से भी मरीज आ रहे हैं। मरीजों को इस सेंटर में पांच सितारा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आयुर्वेद महाविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार पंचकर्म से पहले मरीजों की जांच की जाती है। जांच के आधार पर पंचकर्म का उपचार तय होता है। अब तक ब्लड रिपोर्ट, एक्सरे और अन्य जांच रिपोर्ट के आधार पर इलाज किया जा रहा था। अब इसमें सीटी स्कैन जांच सुविधा के रूप में एक नया आयाम जुड़ने जा रहा है।

मानसिक बीमारियों में सीटी स्कैन ज्यादा कारगर
डाक्टरों के मुताबिक दिमाग से जुड़ी बीमारियों में पंचकर्म बहुत फायदेमंद है। साथ ही जोड़ों का दर्द और स्पाइनल डिसीज में भी पंचकर्म फायदेमंद होता है। सामान्य लोग भी पंचकर्म से खुद को तरोताजा कराने के लिए पहुंच रहे हैं। इस प्रक्रिया में नौ दिन का समय लगता है। इसमें डीलक्स रूम, पंचकर्म, डाइट, योगा, फिजियोथेरैपी और अन्य चीजें शामिल हैं। इस प्रक्रिया में लगभग 30 हजार रुपये का खर्च आता है।

इसलिए होगा सीटी स्कैन
कंप्यूटरीकृत टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन आपके शरीर के चारों ओर विभिन्न कोणों से ली गई एक्स-रे छवियों की एक शृंखला को जोड़ता है और शरीर के अंदर हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और नरम ऊत्तकों की क्रास-अनुभागीय छवियां (स्लाइस) बनाने के लिए कंप्यूटर प्रसंस्करण का उपयोग करता है। सीटी स्कैन छवियां सादे एक्स-रे की तुलना में अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करती हैं। इससे पंचकर्म के लिए विस्तृत ट्रीटमेंट प्लान किया जा सकता है। छवियों के आधार पर कम समय में रोगी को राहत मिल सकेगी।

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