बिहार में बाहर से आने वालों की कोरोना जांच शुरू, दो केस मिलने के बाद एक्शन में नीतीश कुमार

पटना
बिहार में दो कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन मोड में आ गए हैं। सीएम ने हाईलेवल बैठक की। इसके बाद राज्य सरकार ने बाहर से आने वाले लोगों की एयरपोर्ट पर रैंडम सैंपलिंग करके कोरोना जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम नीतीश ने ने कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 से लड़ने की तैयारियों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, वे सजग और सतर्क रहें। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा बढ़ाने के लिए तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को कोरोना के खतरे की आशंका के बीच पटना के एक अणे मार्ग पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक शुक्रवार को हुई। इसमें स्वास्थ्य मंत्री सह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के बढ़ते मामले को देखते हुए आरटीपीसीआर जांच की संख्या और बढ़ाई जाए। कोविड के निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप अस्पतालों में दवा, उपकरण, बेड, ऑक्सीजन, मानव बल एवं अन्य सभी जरूरी व्यवस्थाओं की उपलब्धता रखें। कोविड समुचित व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया एवं अन्य प्रचार माध्यमों से लोगों को कोरोना के प्रति सतर्क एवं जागरूक करें। अस्पतालों में सभी लोग मास्क का उपयोग करें।

इसके पहले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रजेंटेशन के माध्यम से कोरोना की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हाल में ओमिक्रॉन परिवार का जेएन.1 वैरिएंट के कई मामले देश में मिले हैं। बिहार में भी कोरोनों के दो ऐसे मामले आए हैं, जो राज्य में बाहर से आए लोगों में मिला है। यह वैरिएंट बहुत घातक नहीं है। कोरोना संक्रमित दोनों मरीज होम आइसोलेशन में हैं और स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य विभाग कोरोना के इस नए वैरिएंट के प्रति पूरी तरह सतर्क है और इसके बचाव के लिये सभी जरूरी उपाय किए जा रहे हैं।

एसीएस प्रत्यय अमृत ने कहा कि बाहर से आने वाले लोगों की रैंडम सैंपलिंग की जाए। इसके लिए राज्य के तीनों एयरपोर्ट पर रैंडम जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। अन्य निजी और सरकारी अस्पतालों में भी बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट किए जाएंगे। बता दें कि बिहार में दो कोरोना पॉजिटिव मिलने से नए वैरिएंट के फैलने का खतरा बढ़ गया है।

 

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