चरमपंथी समूह KYKL की सुरक्षा में आई महिलाओं की 1200 भीड़, केवल हथियार जब्त कर वापस लौटी भारतीय सेना

इंफाल
मणिपुर में हिंसा के बीच सुरक्षाबलों ने शनिवार को सर्च ऑपरेशन चलाया और कांगलेई यावोल कन्ना लुप ग्रुप के 12 हमलावरों को पकड़ा। हालांकि, नागरिकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए सभी को छोड़ना पड़ा।
भारतीय सेना के अधिकारी ने जानाकारी देते हुए बताया कि 24 जून को इम्फाल पूर्वी जिले के इथम गांव में विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर तलाशी अभियान चलाया गया।

महिलाओं की 1200 से 1500 लोगों ने सुरक्षाबलों को रोका
इस दौरान सेना को भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद मिले और एक दर्जन आतंकियों को भी पकड़ा। इस बीच, गांव की महिलाओं की लीडरशीप में लगभग 1200 से 1500 लोग उनकी सुरक्षा में आ गए। भारतीय सेना की स्पीयर कॉर्प्स के मुताबिक, 1500 लोगों की भीड़ ने सुरक्षाबलों को कार्रवाई करने से रोका। स्पीयर कॉर्प्स के अनुसार, सुरक्षाबलों ने भीड़ से कई बार अपील की लेकिन किसी ने भी कोई बात नहीं मानी। नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए सेना कार्रवाई नहीं कर पाई और जब्त हथियार के साथ ही वापस लौट गई। भारतीय सेना ने मणिपुर के लोगों से शांति और स्थिरता लाने के लिए कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा बलों की सहायता करने की अपील की है।
 

क्या है पूरा मामला?
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष हुआ था, जिसमें लगभग 100 लोगों की मौत हो गई थी। मेइती समुदाय अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जानी के मांग कर रहा है। इसके लिए 3 मई को आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किया गया था। इसी के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी। इस समय मेइती समुदाय की आबादी 53 प्रतिशत है।

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