उमर अंसारी को हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत, 2 साल से कोर्ट में नहीं हो रहे थे पेश

प्रयागराज
 इलाहाबाद हाई कोर्ट ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव में दिए गए विवादित बयान के मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को अंतरिम राहत प्रदान कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि उनकी अंतरिम राहत 30 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई तक जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा है कि याची को तब तक के लिए निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा किया जाता है। हालांकि, कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाईं हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अधिवक्ता उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया है। बता दें कि दो साल से उमर अदालत में पेश नहीं हो रहे थे।

इसके पहले याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी ने बताया गया कि याची के खिलाफ विधान सभा चुनाव के दौरान हुई चुनावी सभा में दिए गए बयान के आधार पर मऊ जिले के कोतवाली थाने में तीन मार्च 2022 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। याची और उसके बड़े भाई अब्बास अंसारी, मंसूर अंसारी सहित कई लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 506, 171-एफ, 186,189, 153-ए, 120-बी के तहत आरोप लगाए गए थे। याची ने इस मामले में पहले अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे अदालत ने नॉट प्रेस की वजह से खारिज कर दिया था।

इसके बाद याची ने दोबारा अर्जी दाखिल की है। कहा गया कि रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ नहीं है कि याची की ओर से ऐसा कोई विवादित बयान नहीं दिया गया जो कानून व्यवस्था के खिलाफ हो। हालांकि, सरकारी अधिवक्ता की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया गया। लेकिन कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए याची को अंतरिम जमानत देते हुए 30 नवंबर तक अग्रिम जमानत मंजूर कर ली।

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