घोसी उपचुनाव इंडिया गठबंधन का भी इम्तिहान, कांग्रेस ने भी दांव पर लगाई अपनी प्रतिष्ठा

घोसी  

विपक्षी दलों का गठबंधन (इंडिया) अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ही यूपी की घोसी विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में कड़े इम्तिहान में फंस गया है। एनडीए बनाम इंडिया के भावी मुकाबले की तस्वीर के तौर पर पेश किए जाने से यह चुनाव खासा रोचक हो गया है।

मऊ जिले में आने वाली यह सीट कभी कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. कल्पनाथ राय की कर्मभूमि रही है। मऊ जिला भी उनके ही प्रयासों से बना था। विशेष परिस्थितियों में हो रहे इस चुनाव में वही दारा सिंह चौहान भाजपा के प्रत्याशी हैं, जो इसी सीट से सपा के विधायक थे। वर्ष 2022 के चुनाव में दारा सिंह चौहान सपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में थे और भाजपा प्रत्याशी विजय राजभर को 22216 मतों से हरा दिया था। विजय राजभर 2019 में हुए उप चुनाव में भाजपा के विधायक चुने गए थे। दारा सिंह चौहान सपा से इस्तीफा देकर उप चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी हैं तो सपा प्रत्याशी के रूप में सुधाकर सिंह उनके सामने हैं।

सुधाकर 2012 में इसी सीट से सपा के विधायक चुने गए थे। उस समय उन्होंने बसपा प्रत्याशी भागू चौहान को हराया था। फिर वर्ष 2017 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में भागू चौहान विधायक चुने गए। उन्होंने बसपा के अब्बास अंसारी को हराया था और उस समय सपा प्रत्याशी के रूप में सुधाकर सिंह तीसरे स्थान पर चले गए थे। भाजपा विधायक भागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बना दिए जाने के बाद वर्ष 2019 में उप चुनाव हुआ, जिसमें  भाजपा के विजय राजभर विधायक चुने गए थे। इस उप चुनाव में सुधाकर सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दूसरे नंबर पर थे।

कांग्रेस ने ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा होने के नाम पर सपा प्रत्याशी को समर्थन देकर लोकसभा चुनाव से पहले ही बड़े दंगल का अखाड़ा तैयार कर दिया। सपा प्रत्याशी के साथ पूर्व सहयोगी के तौर पर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और अपना दल (कमेरावादी) पहले से है। सपा की स्थिति में बस एक बदलाव यह आया है कि इस बार सुभासपा उसके विरोध में है और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में ताल ठोंक रही है। इस तरह यह उप चुनाव उसकी ताकत का भी इम्तहान है।

 

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