आज से दुर्गा उत्सव का आगाज़ : गरबे की थाप पर गूंजेगी भक्ति और उमंग

पंडालों में सजेगा माँ दुर्गा का दरबार, नौ दिनों तक श्रद्धा, संस्कृति और रंगारंग कार्यक्रमों की रहेगी धूम।

जबलपुर। शारदीय नवरात्रि का पर्व जब भी आता है, संपूर्ण भारत में उत्साह और उमंग का वातावरण बन जाता है। माँ दुर्गा की उपासना के इस पर्व में गरबा नृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। गुजरात से आरंभ हुआ यह नृत्य अब पूरे देश और विदेशों में अपनी धूम मचा रहा है। देवी की आराधना और सामाजिक मेल-मिलाप का अनोखा संगम गरबा उत्सव आज हर आयु वर्ग के लोगों के लिए एक विशेष अनुभव बन चुका है।

✨ गरबा की धार्मिक महत्ता

गरबा का शाब्दिक अर्थ है — गरभ या गर्भ, जो सृष्टि और शक्ति का प्रतीक है। मिट्टी के घड़े (गरबा) में दीपक प्रज्वलित कर उसे शक्ति और जीवन का प्रतीक माना जाता है। इसी गरबा दीप के चारों ओर नृत्य करते हुए भक्त माँ दुर्गा से आशीर्वाद की कामना करते हैं। यह केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि देवी के प्रति श्रद्धा और भक्ति का सामूहिक रूप है।

🎶 ताल, लय और रंगों का उत्सव

रात्रि में जब ढोल, मंजीरे और इलेक्ट्रॉनिक म्यूजिक की धुन बजती है तो सैकड़ों-हजारों की भीड़ एक साथ गोल घेरे में ताल पर थिरक उठती है। पारंपरिक परिधानों में सजे युवक-युवतियाँ, महिलाएँ और बच्चे जब गरबे की लय में झूमते हैं तो दृश्य अत्यंत मनमोहक हो जाता है। चनिया-चोली, काठीवाड़ी पोशाक और कुर्ता-पायजामा के रंगीन परिधान गरबे को और भी आकर्षक बना देते हैं।

🌍 सांस्कृतिक समरसता का संदेश

आज गरबा केवल गुजरात या पश्चिम भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के हर कोने और विदेशों में भी इसे बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। दुर्गा उत्सव में गरबा विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों को एक मंच पर लाता है। यह नृत्य केवल आस्था का नहीं बल्कि सांस्कृतिक समरसता और सामूहिक आनंद का प्रतीक बन चुका है।

💫 आधुनिकता और परंपरा का संगम

जहाँ पहले गरबा केवल ढोल और मंजीरे पर किया जाता था, वहीं अब आधुनिक संगीत, डीजे और लाइटिंग ने इसे नया रूप दिया है। फिर भी इसकी मूल भावना वही है – माँ शक्ति की आराधना और सामूहिक आनंद। आज कई स्थानों पर गरबा प्रतियोगिताएँ आयोजित होती हैं, जिसमें लोग अपनी कला और ऊर्जा का प्रदर्शन करते हैं।

दुर्गा उत्सव का गरबा केवल नृत्य भर नहीं, बल्कि आस्था, ऊर्जा, और उत्साह का ऐसा संगम है जो समाज को जोड़ता है। यह नवरात्रि की रातों को अविस्मरणीय बना देता है और भक्ति के साथ-साथ आनंद का ऐसा वातावरण रचता है, जिसमें हर कोई स्वयं को देवी शक्ति के चरणों में समर्पित महसूस करता है।

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