गया से पहले प्रयागराज और काशी में पिंडदान का विशेष महत्व, पिशाचमोचन तीर्थ पर मिलता है मोक्ष का वरदान

पितृपक्ष का पावन पर्व शुरू होते ही गंगा तटों पर श्रद्धा और आस्था का सागर उमड़ पड़ा है। सनातन परंपरा के अनुसार, गया में पिंडदान करने से पहले प्रयागराज और काशी में पिंडदान करना आवश्यक माना जाता है। यही कारण है कि इन तीर्थस्थलों पर देशभर से श्रद्घालु पहुंचकर अपने पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए तर्पण व श्राद्ध कर्म संपन्न कर रहे हैं।
धार्मिक मान्यता है कि यदि गया में श्राद्ध करने से पहले काशी और प्रयागराज में पिंडदान किया जाए, तो पितरों को पूर्ण मुक्ति प्राप्त होती है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी इसकी आस्था अक्षुण्ण बनी हुई है।

काशी : मोक्षदायिनी नगरी का महत्व

वाराणसी को मोक्षदायिनी नगरी कहा जाता है। यहां स्थित पिशाचमोचन तीर्थ और मणिकर्णिका घाट पिंडदान व श्राद्ध के लिए सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं।

मणिकर्णिका घाट : इसे काशी का सबसे पवित्र घाट माना गया है। अस्थि विसर्जन, तर्पण और पिंडदान यहीं करने की परंपरा है। मान्यता है कि यहां किए गए श्राद्ध से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है।

पिशाचमोचन कुंड : यह तीर्थ स्थल पितरों की मुक्ति का केंद्र माना जाता है। धार्मिक विश्वास है कि यहां श्राद्ध करने से पितर पिशाच योनि से मुक्त होकर शांति प्राप्त करते हैं।

पिशाचमोचन तीर्थ की विशेषता

धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि पिशाचमोचन तीर्थ पर स्नान और तर्पण करने से भूत-प्रेत, पिशाच बाधा और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इस स्थल को पिशाचमोचन का वरदान दिया था। आस्था है कि यहां श्रद्धा से किया गया पिंडदान जीवन की अशुभ बाधाओं को दूर करता है और पितरों को मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

पिंडदान का महत्व

पितरों की मुक्ति और शांति : श्राद्ध व तर्पण से पितरों की आत्मा तृप्त होकर जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्त होती है।

परिवार की सुख-समृद्धि : प्रसन्न होकर पितर परिवार को आशीर्वाद देते हैं और घर में खुशहाली लाते हैं।

पिंडदान हेतु प्रमुख तीर्थ स्थल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए प्रयागराज, काशी (वाराणसी), गया, पुष्कर, हरिद्वार और बद्रीनाथ का ब्रह्मकपाल विशेष महत्व रखते हैं।

काशी में पिंडदान व तर्पण हेतु
श्रद्धालु विद्वान पंडित श्री पवन दुबे (पप्पू) से संपर्क कर सकते हैं।
मो. नं. : 9935614654

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