कम उम्र में हार्ट अटैक: क्यों बढ़ रही हैं घटनाएं, कैसे बचें खतरे से !

जबलपुर। कभी यह माना जाता था कि हार्ट अटैक केवल बुजुर्गों की बीमारी है। लेकिन हाल के वर्षों में कम उम्र यानी 30 से 45 साल के युवाओं में दिल का दौरा पड़ने के मामले तेजी से बढ़े हैं। अस्पतालों में आने वाले आंकड़े और मीडिया रिपोर्ट्स चौंकाने वाले हैं—युवा, जो करियर और परिवार की ज़िम्मेदारियों में व्यस्त हैं, अचानक हार्ट अटैक का शिकार होकर अपनी ज़िंदगी गंवा रहे हैं। आखिर इसके पीछे कारण क्या हैं और इससे बचाव कैसे संभव है?

कम उम्र में हार्ट अटैक बढ़ने के कारण

तनाव और अवसाद (Stress & Depression):
तेज़ रफ्तार जीवनशैली, काम का दबाव, आर्थिक चुनौतियाँ और प्रतियोगिता युवाओं को मानसिक तनाव की ओर धकेल रही हैं। लंबे समय तक तनाव दिल की सेहत पर सीधा असर डालता है।

अनियमित दिनचर्या (Sedentary Lifestyle):
देर रात तक जागना, पर्याप्त नींद न लेना और घंटों तक कंप्यूटर या मोबाइल पर बैठे रहना युवाओं के लिए खतरनाक आदतें बन चुकी हैं।

गलत खानपान (Unhealthy Diet):
फास्ट फूड, जंक फूड, ज्यादा तैलीय और मसालेदार भोजन धमनियों में चर्बी जमा कर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा देते हैं।

धूम्रपान और शराब (Smoking & Alcohol):
नशे की लत सीधे तौर पर हृदय और फेफड़ों को नुकसान पहुँचाती है। खासकर धूम्रपान करने वालों में कम उम्र में हार्ट अटैक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

शारीरिक गतिविधि की कमी (Lack of Exercise):
नियमित व्यायाम न करने से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ जैसी बीमारियाँ बढ़ती हैं, जो हार्ट अटैक के बड़े कारण हैं।

जेनेटिक फैक्टर (Genetic Factor):
जिनके परिवार में पहले से हार्ट डिज़ीज़ का इतिहास है, उनमें कम उम्र में हार्ट अटैक की संभावना ज्यादा होती है।

कैसे बचें हार्ट अटैक से?

✔️ संतुलित आहार अपनाएँ – हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज और प्रोटीनयुक्त भोजन को प्राथमिकता दें।
✔️ नियमित व्यायाम करें – रोज़ाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना, योग, प्राणायाम या जॉगिंग करें।
✔️ तनाव से दूरी बनाएँ – मेडिटेशन, संगीत, पढ़ाई या परिवार के साथ समय बिताकर मानसिक तनाव कम करें।
✔️ नशे से बचें – धूम्रपान और शराब छोड़ना दिल की सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।
✔️ नियमित हेल्थ चेकअप कराएँ – ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की समय-समय पर जांच कराएँ।
✔️ पर्याप्त नींद लें – रोज़ाना 7–8 घंटे की गहरी नींद शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।

विशेषज्ञों की राय

कार्डियोलॉजिस्ट का मानना है कि “युवा मरीजों में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण तनाव और लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। अगर समय रहते आदतों में सुधार किया जाए तो 70% हार्ट अटैक को रोका जा सकता है।”

निष्कर्ष

कम उम्र में हार्ट अटैक एक चेतावनी है कि हमें अपनी जीवनशैली पर गंभीरता से ध्यान देना होगा। तेज़ रफ्तार जिंदगी और आधुनिक सुविधाओं के बीच दिल की सेहत को नज़रअंदाज़ करना जानलेवा साबित हो सकता है। छोटी-छोटी आदतों में बदलाव कर हम खुद को और अपने परिवार को इस खतरे से बचा सकते हैं।

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