चिटफंड मनी लॉन्ड्रिंग से 15 हजार इन्वेस्टर्स के 147 करोड़ ठगे: ED

रांची.

ईडी ने चिटफंड के पैसे की मनी लाउंड्रिंग से जुड़े केस में ठगी का खुलासा किया है। यह खुलासा ईडी की ओर से कोर्ट में दिए हलफनामा में किया गया
है। कहा गया है कि झारखंड में डीजेएन ग्रुप ने 15,326 निवेशकों से 147 करोड़ से अधिक की ठगी की है। हलफनामे में ईडी ने कहा है कि ग्रुप की कंपनियों ने बेहतर रिटर्न का झांसा दे ये पैसे 2012-15 के बीच वसूले थे। इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने ईडी की जांच में आए तथ्यों को चुनौती दी थी, जिसके बाद ईडी ने हलफनामा दायर किया है।

ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ग्रुप ने 74,10,53,170.00 रुपये वापस भी किए, लेकिन शेष का प्रोसीड ऑफ क्राइम सामने आया है। ईडी ने जांच में पाया है कि आरोपियों ने न सिर्फ करोड़ों की उगाही की है, बल्कि उगाही के बाद इस संपत्ति को कानूनी तौर पर अर्जित संपत्ति बताया था। ईडी ने बताया है कि मनी लाउंड्रिंग की धाराओं के तहत डीजेएन ने सजा योग्य काम किया है।

विपिन को माना मास्टरमाइंड
ईडी ने जांच में ग्रुप के निदेशक विपिन कुमार को मास्टरमाइंड माना है। विपिन समेत अन्य के द्वारा अलग-अलग कंपनियों में अवैध तरीके से अर्जित पैसों के निवेश के साक्ष्य मिले हैं। पहली बार लालपुर पुलिस ने इस मामले में डीजेएन के खिलाफ कार्रवाई की थी।

जमानत याचिका खारिज
डीजेएन ग्रुप के संचालक राम किशुन ठाकुर को सीबीआई कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया है। राम किशुन ठाकुर की ओर से दायर जमानत अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
डीजेएन ग्रुप ने अलग-अलग कंपनियों के नाम पर निवेशकों से 147 करोड़ से अधिक की उगाही की। कई बार एक कंपनी के नाम पर पैसे की उगाही कर मोटी रकम दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर की गई। संतोष के द्वारा इन पैसों से ऑनलाइन ट्रेडिंग की जाती थी। महंगे होटलों में पार्टियां कर पैसों की उगाही का मोडस आपरेंडी कंपनी ने ठगी के लिए अपनाया था।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button