‘संबंध बनाने के लिए 14 वर्षीय लड़की की सहमति कानूनन अमान्य’

नई दिल्ली.

उच्च न्यायालय ने नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक को जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपी ने छात्रा की सहमति से संबंध बनाने का दावा किया था। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि पीड़िता जो उस समय केवल 14 वर्ष की थी की रजामंदी कानून की नजर में कोई सहमति नहीं है और आरोपी उसके शिक्षक होने के कारण प्रभावशाली स्थिति में था।

आवेदक के वकील के इस तर्क में कोई दम नहीं है कि दोनों पक्षों के बीच संबंध सहमति से बने थे, क्योंकि वर्ष 2012 में पीड़िता की उम्र केवल 14 वर्ष थी। उन्होंने कहा यह अदालत यह भी नोट करती है कि प्रासंगिक समय में वह एक शिक्षक होने की प्रमुख स्थिति में था क्योंकि वह उस कोचिंग सेंटर में पढ़ती थी जहां वह पढ़ाता था।

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