11 साल की मासूम को रेप कर मार डाला था, सुप्रीम कोर्ट में पटना HC का फैसला रद्द; सजा-ए-मौत पर रोक

पटना  
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पटना हाईकोर्ट के मृत्युदंड के एक फैसले को रद्द कर दिया। आरोपी ने 11 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म और उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी। लड़की 2015 में आरोपी के घर टेलीविजन देखने गई थी। साक्ष्य को स्वीकार करने में गलती पाते हुए, शीर्ष अदालत ने दोषी की अपील और मौत की सजा की पुष्टि की मांग करने वाली बिहार सरकार की याचिका को शीघ्र पुननिर्णय के लिए पटना हाईकोर्ट को वापस भेज दिया।

न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने कहा कि हम फैसले को रद्द करने के बाद नये सिरे से निर्णय के लिए मामला पटना हाईकोर्ट वापस भेज रहे हैं। उसने कहा कि हाईकोर्ट में मामले में सुनवाई अव्यवस्थित रही। पीठ ने पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले को एक ऐसी पीठ को आवंटित करने के लिए कहा जो इस बात को ध्यान में रखते हुए शीघ्रता से फैसला करेगी कि आरोपी मुन्ना पांडे लगभग नौ साल तक जेल में था।

शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट से यह भी कहा कि आरोपी को मामले की फिर से सुनवाई में दलील रखने के लिए किसी प्रतिष्ठित वकील की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। विस्तृत फैसले का इंतजार है। अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी ने एक जून, 2015 को लड़की से कथित तौर पर दुष्कर्म किया था और उसका गला घोंट दिया था। घटना बिहार के भागलपुर जिले के एक गांव की है। बच्ची कथित रूप से आरोपी के घर गयी थी।

इस मामले में भागलपुर की निचली अदालत ने 2017 में दुष्कर्म और हत्या के आरोपी को दोषी ठहराया तथा अपराध को दुर्लभ से दुर्लभतम की श्रेणी का बताकर मौत की सजा सुनाई। पटना हाईकोर्ट ने दोषसिद्धि के खिलाफ आरोपी की अपील को 2018 में खारिज कर दिया था और मृत्युदंड पर मुहर लगाई थी।

 

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