हर साल 6,500 करोड़ का तंबाकू चबा जाते हैं मध्य प्रदेश के लोग

ग्रामीण महिलाओं में शराब की लत बढ़ी, सिगरेट-गुटखा पर हजारों करोड़ फूंके

 

भोपाल। नशे की आदतें न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं बल्कि आर्थिक बोझ भी बढ़ा रही हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) और स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट्स बताती हैं कि मध्य प्रदेश के लोग हर साल करीब 6,500 करोड़ रुपये सिर्फ गुटखा और तंबाकू पर खर्च कर देते हैं।

महिलाओं में बढ़ा शराब का चलन

NFHS-5 के अनुसार प्रदेश की 1.6% महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जबकि 10.4% महिलाएं तंबाकू का उपयोग करती हैं।

  • शहरी इलाकों में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या घटी (0.6%) है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या बढ़कर 2.1% हो गई है।

सिगरेट-गुटखा की ओर रुझान

बीड़ी के बजाय सिगरेट और गुटखे की खपत तेजी से बढ़ी है।

  • शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की 0.1% महिलाएं सिगरेट पीती हैं।
  • 0.2% महिलाएं बीड़ी पीती हैं।
  • पुरुषों में शहरी 14.6% और ग्रामीण 12.5% सिगरेट का सेवन करते हैं।

गुटखा-तंबाकू में नंबर वन मध्य प्रदेश

प्रदेश में शहरी लोग गुटखा-तंबाकू पर औसतन 735 रुपये प्रति वर्ष, जबकि ग्रामीण लोग 792 रुपये प्रति वर्ष खर्च कर रहे हैं। कुल मिलाकर प्रदेश की 8 करोड़ आबादी हर साल 6,500 करोड़ रुपये सिर्फ गुटखा-तंबाकू पर खर्च कर देती है।

बीड़ी में आगे राजस्थान

बीड़ी पीने में राजस्थान सबसे आगे है, जहां ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति सालाना औसत खर्च 438 रुपये है। मध्य प्रदेश इस मामले में देश में आठवें स्थान पर है।


👉 इस रिपोर्ट से साफ है कि मध्य प्रदेश में नशे की खपत लगातार बढ़ रही है, खासकर ग्रामीण महिलाओं और युवाओं में। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए गंभीर खतरा मानते हैं।

 

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