प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ की घोषणा की

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषणा की कि भारत अगले दशक में देश की सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से ‘सुदर्शन चक्र मिशन’ शुरू करेगा. पीएम मोदी के अनुसार यह मिशन एडवांस सर्विलांस, इंटरसेप्शन और जवाबी हमले की क्षमताओं को इंटिग्रेट करेगा ताकि वायु, थल और समुद्री क्षेत्रों में खतरों को तेजी से नाकाम किया जा सके.
राष्ट्रीय राजधानी स्थित लाल किले से शुक्रवार को दिए अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री ने भारत के लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए घरेलू स्तर पर एक जेट इंजन विकसित करने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि रक्षा निर्माण क्षेत्र में आगे बढ़ना आवश्यक है.
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की प्रशंसा करते हुए, मोदी ने कहा कि इसने पाकिस्तान को एक बड़ा झटका दिया है और पड़ोसी देश को हुए नुकसान के नए विवरण हर दिन सामने आ रहे हैं.
‘सुदर्शन चक्र मिशन’ के उद्देश्य क्या हैं?
पीएम मोदी ने बताया कि नए सुदर्शन चक्र मिशन का उद्देश्य भारत के सामरिक, नागरिक और धार्मिक स्थलों को संभावित दुश्मन हमलों से बचाने के लिए एक कवच तैयार करना और साथ ही नए हथियार विकसित करना है.
इस सिस्टम के इजराइल के प्रसिद्ध आयरन डोम को टक्कर देने की उम्मीद है, जो एक बहुस्तरीय रक्षा नेटवर्क है जिसे 2010 के दशक में अपनी तैनाती के बाद से हमास और हिज़्बुल्लाह के हजारों रॉकेटों को रोकने का क्रेडिट दिया जाता है. इराइल का दावा है कि इसकी सफलता दर 90 प्रतिशत से अधिक है
आतंकवादी हमलों का मुकाबला करेगा सिस्टम
प्रधानमंत्री ने कहा, “अगले दस साल में यानी 2035 तक मैं इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण करना चाहता हूं. भगवान श्री कृष्ण से प्रेरणा लेते हुए, हमने सुदर्शन चक्र का मार्ग चुना है… राष्ट्र सुदर्शन चक्र मिशन का शुभारंभ करेगा.”
उन्होंने आगे कहा कि इस संपूर्ण आधुनिक प्रणाली की रिसर्च, विकास और निर्माण भारत में ही किया जाएगा, जिसमें हमारे युवाओं की प्रतिभा का उपयोग होगा.” यह शक्तिशाली सिस्टम न केवल आतंकवादी हमलों का मुकाबला करेगा, बल्कि आतंकवादियों पर करारा प्रहार भी करेगा.
महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के लिए डिजाइन
आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि 2035 तक देश भगवान श्री कृष्ण के सुदर्शन चक्र से प्रेरणा लेते हुए अपने सुरक्षा ढांचे को मजबूत और आधुनिक बनाएगा. उन्होंने आगे कहा, “भारत का लक्ष्य मिशन सुदर्शन चक्र नामक अपनी स्वयं की लौह गुंबद जैसी रक्षा प्रणाली विकसित करना है, जिसे नागरिक क्षेत्रों सहित महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के लिए डिज़ाइन किया गया है।