नर्मदापुरम-इटारसी जुड़कर बनेगा नया नगर निगम, शासन स्तर पर शुरू हुई तैयारी

भोपाल/संवाददाता। मध्यप्रदेश में शहरी विकास का नक्शा जल्द ही बदल सकता है। नर्मदापुरम और इटारसी—दोनों तेजी से बढ़ते शहर अब एक-दूसरे की सीमाओं से मिलते जा रहे हैं। इसी वजह से शासन स्तर पर इन दोनों शहरों को जोड़कर एक नए नगर निगम या विकास प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
राजस्व विभाग को दोनों नगरीय क्षेत्रों के आंकड़े जुटाने के निर्देश दिए गए हैं। दोनों शहरों के एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को सौंपेंगे।
कई बिंदुओं पर होगी गहन जांच
सूत्रों के अनुसार नगर निगम या विकास प्राधिकरण बनाने से पूर्व नर्मदापुरम और इटारसी के वार्डों का क्षेत्रफल, जनसंख्या, परिवहन व्यवस्था, आवागमन मार्ग, बाजार, वसाहत और मूलभूत सुविधाओं का आकलन किया जाएगा। इसके साथ ही नियमों और प्रावधानों के अनुरूप इनकी तुलना की जाएगी। शासन का पत्र मिलने के बाद प्रशासन ने इस दिशा में काम तेज कर दिया है।
लगातार बढ़ता दोनों शहरों का दायरा
वर्तमान में नर्मदापुरम शहर का विस्तार पवारखेड़ा तक हो गया है, जहाँ होटल, विद्यालय और कृषि कॉलेज जैसी संस्थाएँ संचालित हो रही हैं। दूसरी ओर, इटारसी नगर का विस्तार ग्राम रैसलपुर तक पहुँच चुका है। बढ़ती आबादी और भूमि की मांग ने नए विकास ढाँचे की आवश्यकता को और अधिक अनिवार्य बना दिया है।
नए निगम से होंगे ये बड़े फायदे
विशेषज्ञों का मानना है कि नर्मदापुरम और इटारसी के एकीकृत नगर निगम या विकास प्राधिकरण बनने से—
नई परियोजनाओं को गति मिलेगी।
सड़कें, पुल और परिवहन सेवाएँ और बेहतर होंगी।
औद्योगिक विकास के लिए भूमि उपलब्धता बढ़ेगी।
स्थानीय नागरिकों को समान विकास का लाभ मिलेगा।
नागरिकों में उम्मीदें
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि नर्मदापुरम-इटारसी को मिलाकर नया निगम गठित होता है, तो यह पूरे क्षेत्र के लिए विकास की नई दिशा तय करेगा। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी और छोटे शहर की सीमाओं से निकलकर यह क्षेत्र प्रदेश के अग्रणी नगरों की सूची में शामिल हो सकेगा।
👉 संक्षेप में: शासन स्तर पर शुरू हुई यह पहल सिर्फ प्रशासनिक बदलाव नहीं बल्कि भविष्य की शहरी संरचना की एक बड़ी तस्वीर है, जिससे आने वाले समय में नर्मदापुरम-इटारसी क्षेत्र मध्यप्रदेश के विकास के नए मॉडल के रूप में सामने आ सकता है।