कर्ज का ब्याज चुकाने के लिये भी ले रहे कर्ज

सरकारों के अदूरदर्शी कार्यों के कारण मध्य प्रदेश पर आज 3.5 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है। हैरानी की बात यह है कि 2022 में सरकार ने कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लिया। उक्त बात आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही गयी कि वर्तमान सरकार विकास कार्यों के लिए कर्ज ले तो उसमें कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन कर्ज अपने इवेंट, अपने प्रचार, अपने लिए 125 करोड़ का हवाई जहाज खरीदने के लिए और अपनी विलासिता का सामान खरीदने के लिए यह कर्ज लिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के हर आदमी पर 41 हजार रुपये का कर्ज है, यह कर्ज आपके और हमारे  बच्चे बेरोजगार रहकर और महंगाई सहकर चुकायेंगे। महंगाई के दौर में भी सरकार विलासितापूर्ण जीवन जीने से बाज नहीं आ रही है। हमें तो डर है कि कहीं मध्य प्रदेश की हालत श्रीलंका जैसी ना हो जाए। वह मध्यप्रदेश जो स्वास्थ्य सुविधाओं में 19 बड़े राज्यों में 17वें नंबर पर है, जहां कई पद मध्य प्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालय में खाली हों, जिस मध्यप्रदेश में सवा करोड़ युवा बेरोजगार हों, जिस मध्य प्रदेश के 1587 स्कूलों समेत कई अन्य जिलों में बड़ी संख्या में स्कूलों में शिक्षक नहीं है। जिस राज्य में प्रति व्यक्ति आय कम हो गई हो, उस मध्यप्रदेश में अब 400 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर विलासिता पर खर्च करेगी हमारी मध्य प्रदेश सरकार।उमा भारती शराबबंदी पर दिन-प्रतिदिन नये-नये प्रयोजन करती रहती हैं, नया अभियान शुरू करती है। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार में जो शराब ठेकेदारों द्वारा राज्य सरकार को हिस्सा दिया जाता है, संभवत यह हिस्सा नहीं मिलने पर वे शिवराज जी पर दबाव बनाती रहती हैं। इस सब के बीच मध्य प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या काफी बढ़ चुकी है, जबकि शराब की लत कई परिवारों को बर्बाद कर रही है।

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